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Classification of Computer-कम्प्यूटर का वर्गीकरण


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Classification of Computer-कम्प्यूटर का वर्गीकरण

Classification of Computer-कम्प्यूटर का वर्गीकरण

Classification of Computer (कम्प्यूटर का वर्गीकरण)

आज के समय में कम्प्यूटर का प्रयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में  कार्य करने के लिए कम्प्यूटर को विभिन्न प्रकार से प्रयोग में लाया जा रहा है। शिक्षा (education), विज्ञान (science), व्यापार (business), चिकित्सा (medical) आदि कुछ प्रमुख क्षेत्र है जहाँ कम्प्यूटर का प्रयोग बहुत से काम के लिए अलग-अलग तरीके से  प्रयोग किया जाता है। 

 कम्प्यूटर के प्रकार ठीक से समझने के लिए उन्हें निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया गया है :

  1.  आकार (Size) के आधार पर 
  2.  अनुप्रयोग (Application)के आधार पर 
  3.  उद्देश्य (Purpose) के आधार पर 
 

Classification of Computer On the basis of size(आकार के आधार पर)

कम्प्यूटर के आकर के आधार पर कम्प्यूटर  निम्नलिखित प्रकार के होते हैं : 

  1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
  2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
  3. मेनफ़्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
  4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)

 

माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer):   

  • यह सबसे ज्यादा प्रचलित सामान्य कार्य के लिए प्रयोग किये जाने वाले डिजिटल कम्प्यूटर है। ये microprocessor  के साथ input-output devices तथा storage devices जोड़कर तैयार किये जाते हैं। ये आकर में बहुत छोटे होते हैं जिससे इसे मेज पर रखकर कार्य कर सकते हैं। इसका प्रयोग एक बार में सिर्फ एक ही व्यक्ति कर सकता है ,इसलिए इसे personal computer या PC भी कहा जाता है।
  • वर्तमान समय में micro computer का विकास और प्रचलन बहुत तेजी से हो रहा है। इसलिए micro computer एक किताब , फ़ोन और घड़ी के रूप में भी आ रहा है। 
  • ये कम्प्यूटर कीमत में सस्ते और आकर में छोटे होते हैं , इसलिए ये personal use के लिए घर या बाहर या किसी भी कार्य-क्षेत्र (School, office, business etc. ) में letter-writing, report, documents, files के रख-रखाव व अन्य कार्य के  लिए  लगाए जाते हैं।        

 Micro Computer के दो प्रमुख प्रकार हैं –

 1.  Desktop Computer:  Personal Computer  

 2.  Portable Computer:  Laptop , Notebook , Pocket PC , Digital Diary etc . 

 

मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) : 

  • ये माइक्रो कम्प्यूटर की अपेक्षा आकार में बड़े होते हैं। इनकी processing capacity, speed, data storage capacity अनेक माइक्रो कम्प्यूटरों के बराबर होती है। 
  • इन कम्प्यूटरों की कीमत माइक्रो कम्प्यूटरों की अपेक्षा अधिक होती है इसलिए ये व्यक्तिगत रूप से नहीं खरीदे जा सकते हैं। इन्हें छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनियाँ प्रयोग करती हैं। इन कम्प्यूटरों पर एक समय में एक से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते हैं। इनका प्रयोग सामान्यतः उन स्थानों में किया जाता है जहाँ users एक ही सॉफ्टवेयर (database) पर कार्य कर  रहे होते  हैं। 
  • कर्मचारियों के salary और payroll तैयार करना , उत्पादन योजना , बिक्री विश्लेषण तथा वर्तमान समय के संस्थानों जैसे- bank, traffic, stock exchange के सफल संचालन आदि कार्यों में इनका प्रयोग मुख्य रूप से किया जा रहा है।

मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) :

  • ये कम्पुटर मिनी कम्प्यूटरों से अधिक शक्तिशाली होते हैं। इनकी processing capacity, storage capacity मिनी कम्प्यूटर से बहुत ज्यादा होती है।  इनमें अधिक मात्रा में data पर तीव्रता से process करने की क्षमता होती है, इसलिए इसका प्रयोग बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ, बैंक तथा सकारी विभाग एक central computer के रूप में करते हैं।  
  • अधिकतर कम्पनियाँ तथा संस्थाएँ mainframe computer  का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए कर रही हैं –  कर्मचरियों के वेतन का भुगतान करना, tax का ब्योरा रखना, बिलों को तैयार करना व भेजना आदि।       

 Example : IBM-3000 series, ICL39 series और CDC cyber series.

सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) :      

  • सुपर कम्प्यूटर सबसे ज्यादा शक्तशाली, आकर में बड़े , प्रोसेसिंग गति व data storage capacity वाले होते हैं। इनमे अनेक CPU समान्तर क्रम में कार्य करते हैं। 
  •  इनके प्रमुख उपयोगों में अंतरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान तथा भूगर्भ-विज्ञान, high quality की animation movie का निर्माण आदि हैं। ये सभी कार्य में की जाने
  • वाली गणनाएँ व high quality की शुद्धता वाली होती हैं जिन्हें केवल  सुपर कम्प्यूटर द्वारा ही किया जा सकता है। इनकी कीमत करोङों रुपयों में होती है। 
  • भारत के पास भी अपना सुपर कम्प्यूटर है। PARAM, PARAM 1000 तथा ANURAG भारत के ही सुपर कम्प्यूटर हैं। 

 इसके अलावा CRAY 1 ( विश्व का सबसे पहला सुपर कम्प्यूटर), CRAY 2 तथा CDC CYBER 205 हैं।                  

 

Classification of Computer On the basis of Application(अनुप्रयोग के आधार पर)

 अनुप्रयोग के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार के हैं –
 
  1.  एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
  2.  डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
  3.  हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)

एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer) : 

ये वे कम्प्यूटर होते हैं जो भौतिक मात्राओं ; जैसे – दाब, तापमान, लम्बाई, आदि को मापकर उनके परिमाप को अंकों में व्यक्त करते हैं। ये किसी राशि कि परिमाप; तुलना के आधार पर करते हैं।

उदाहरणार्थ :   एक पेट्रोल पम्प में लगा एनालॉग कम्प्यूटर , पम्प से निकले पेट्रोल की मात्रा को मापता है और लीटर में प्रदर्शित करता है तथा उसके मूल्य की गणना कर स्क्रीन पर दिखाता है। 

डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer) :

यह वह कम्प्यूटर होता है जो अंकों की गणना करता है। डिजिटल कंप्यूटर की data processing तकनिकी को सबसे ज्यादा सफल माना गया है। इसका प्रयोग घर बजट तैयार करने, व्यापार के सफल संचालन, शिक्षा के क्षेत्र में , बैंकिंग आदि में इसका प्रयोग अधिक किया जा रहा है। 

ये computer data को सर्वप्रथम digital signals (0/1) की श्रेणी में परिवर्तित किया जाता है फिर उसे process या store करते हैं। अधिकतर कम्प्यूटर , डिजिटल कंप्यूटर की श्रेणी में आते हैं, जिनमें micro, mini, mainframe, तथा super computer मुख्य है। 

हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) :

Hybrid का अर्थ होता है- अनेक गुणों से युक्त होना। यह वह कम्प्यूटर होते हैं जिनमें एनालॉग तथा डिजिटल कम्प्यूटर, दोनों के गुण होते हैं। यह डेटा के डिजिटल रूप को भी process कर सकता है और एनालॉग कंप्यूटर की भाँति-भौतिक परिमापों को भी माप सकता है। 

उदाहरणार्थ :  कम्प्यूटर  की एनालॉग डिवाइस किसी रोगी के लक्षणों-तापमान, रक्तचाप, आदि को मापति है। ये परिमाप बाद में डिजिटल भाग में भी बदल जाती है। 

 
 

On the basis of purpose (उद्देश्य के आधार पर)

  1. General Purpose Computer
  2. Special Purpose Computer
सामान्य उद्देशीय-कम्प्यूटर (General Purpose Computer) : 

यह ऐसे कम्प्यूटर हैं , जिनमें अनेक प्रकार के कार्य करने की क्षमता होती है ; लेकिन यह कार्य सामान्य होते हैं। यह सार्वजनिक रूप में प्रयोग किये जाते हैं। इनके प्रमुख कार्यों में, word process में documents तैयार करना, store और print करना, database बनाना आदि। 

सामान्य उददेशीय कम्प्यूटर का प्रयोग व्यापारिक संस्थानों, स्कूल, office और bank आदि स्थानों पर किया जाता है। 

विशिष्ट उद्देशीय-कम्प्यूटर (Special Purpose Computer) :

 इन कम्प्यूटरों का डिज़ाइन और निर्माण विशेष कार्य अथवा किसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। अतः यह उस कार्य के अलावा और कोई भी कार्य नहीं कर सकते क्योंकी इनके CPU की क्षमता उस कार्य के अनुरूप ही होती है, जिसके लिए इन्हें तैयार किया जाता है। 

इसका उपयोग उपग्रह संचालन , मौसम विज्ञान , इंजीनियरिंग , एयरक्राफ्ट कन्ट्रोल सिस्टम , युद्ध , चिकित्सा आदि क्षेत्रों में किया जाता है। 

 


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