कम्प्यूटर की पीढ़ियां (Generations of Computer in Hindi) कंप्यूटर की कितनी पीढ़ियां होती है
Generations of Computer in Hindi
कम्प्यूटर की पीढ़ियां (Generations of Computer)
आज इस पोस्ट में हम Generations of Computer के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे कौन-कौन सी पीढ़ियां हैं ,कब से कब तक उनका समय रहा , तथा उनमे क्या नया प्रयोग किया गया आदि.
Generations of Computer
- प्रथम पीढ़ी (First Generation) 1942-1955
- द्वितीय पीढ़ी (Second Generation) 1956-1963
- तृतीय पीढ़ी (Third Generation) 1964-1970
- चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation) 1971-2010
- पंचम पीढ़ी (Fifth Generation) 2010- present
1.प्रथम पीढ़ी (First Generation) 1942-1955 : इस पीढ़ी के कम्प्यूटर के internal circuit में मुख्य रूप से वैक्यूम ट्यूबों (vacuum tubes) का प्रयोग किया जाता था। यह लगातार electricity flow से गर्म होकर बहुत जल्दी खराब हो जाते थे। अतः इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों को वातानुकूलित इकाई (air conditioned unit) में रखा जाना बहुत जरुरी होता था। वैक्यूम ट्यूब आकर में बड़ी होती थी इस पीढ़ी के कम्प्यूटर का आकर भी बड़ा होता था। लेकिन मूल्य (price) इनका और पीढ़ी के कम्प्यूटर से अधिक होता था। इस पीढ़ी के कम्पुटर में जोड़ या घटाव जैसे कार्य उसेर्को खुद करने होते थे।
Examples : ENIAC, UNIVAC, EDVAC, MARK-II etc.
2.द्वितीय पीढ़ी (Second Generation) 1956-1963 : इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों परिपथ वैक्यूम ट्यूब स्थानपर ट्रांजिस्टर (transistor) प्रयोग किया जाता था इसकी भी कार्यप्रणाली वैक्यूम ट्यूब की तरह ही थीपरन्तु इसकी कार्य करने की गति अधिक थी ,तथा आकर छोटा व विश्वसनीय था। प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर की तुलना में विद्धुत खपत होती थी। इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में पहली बार data store करने के लिए core memory का प्रयोग किया गया था।
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटर का प्रयोग वैज्ञानिक कार्यों जाता था ,कुछ समय बाद इसका प्रयोग व्यापारिक कार्यों के लिए भी किया जाने लगा।
Example : IBM 1002, PDP-1, PDP-8, UNIVAC-1107 etc.
3.तृतीय पीढ़ी (Third Generation) 1964-1973 :इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में एकीकृत परिपथ (integrated circuit) का प्रयोग किया गया। इसे IC तथा Chip भी कहा जाता है। यह चिप silicon metal की बनी होती थी,जिस पर सैकड़ों ट्रांजिस्टरों का प्रयोग किया जा सकता था। इनसे बने कम्प्यूटर आकर में छोटे, तेज गति से प्रोसेसिंग करने वाले ,सस्ते तथा सार्वजनिक व बहुत ज्यादा विश्वशनीय हो गए। इस पीढ़ी में विकसित कम्प्यूटर प्रयोगशालाओं तथा बड़े-बड़े केंद्रों से निकल कर छोटे संस्थानों तथा कार्यालयों तक भी पहुंच गए।
- इस पीढ़ी के अंतर्गत on-line data entry की शुरुआत हो गयी। जहाँ हमने key-board का प्रयोग करना शुरू कर दिया। साथ ही साथ data storage capacity बहुत अधिक हो गयी , जिसमें magnetic tape , disc आदि का प्रयोग होने लगा।
Example : IBM-360,370, PDP-11 etc.
4.चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation) 1974-2010 : इस पीढ़ी में एक silicon chip पर कम्प्यूटर के सभी integrated circuit को लगाया जाता है। इस चिप माइक्रो-प्रोसेसर (microprocessor) कहा जाता है। यह VLSI (Very Large Scale Integrated Circuit) है। इस तकनीक में एक छोटी-सी चिप पर लाखों circuit जाते थे। इस VLSI chip की क्षमता कई दर्जन LSI (Large Scale Integration) chip के बराबर होती थी। Microprocessor के प्रयोग से कम्प्यूटर का आकर छोटा हुआ, वजन में हल्का था, इससे क्षमता और गति में अत्यधिक ज्यादा था। इस microprocessor युक्त कम्प्यूटर को micro computer लगा।
- इसका प्रयोग वैज्ञानिक गणनाओं तक न सीमित रहकर letter-writing, report-making, database, online reservation जैसे सामान्य कार्यों के लिए भी होने लगा। माइक्रो कम्प्यूटर के अलावा पीढ़ी में सबसे पहला super computer (CRAY-I) का विकास भी हुआ। इस पीढ़ी में GUI (Graphical User Interface) का भी विकास हुआ।
Example : Intel Micro Processor family, IBM PC/AT, CRAY-I, Apple
5.पंचम पीढ़ी (Fifth Generation) 2010- present : इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में मुख्य रूप से artificial intelligence का समावेश किया गया।इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में VLSI तकनीकी को ULSIमें बदली गयी। माइक्रोप्रोसेसर युक्त इस पीढ़ी में note-book, digital-diary जैसे कम्प्यूटर भी बने। Laptop, Personal Computer और Super Computer का भी निर्माण हुआ। इस पीढ़ी के microprocessor आकार में छोटे और अत्यधिक शक्तिशाली हैं।